जय साईं राम .....
अपने विचारो पर ध्यान दे ...........
अपने विचारो पर ध्यान दे ...........
वे आपके शब्द बन जाते हें,
अपने शब्दों पर ध्यान दे............
वे आपकी क्रियाये बन जाती हें ,
अपनी क्रियायों पर ध्यान दे .........
वे आपकी आदत बन जाती हें,
अपनी आदतों पर ध्यान दे ............
वे आपका चरित्र बन जाता हें ,
और आपका चरित्र आपका भाग्य बन जाता हें.........
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