जय साईं राम .......
हम कानों से कल्याणकारी एंव शुभ वचन सुनें तथा परनिन्दा एंव पतनकारक शब्द न सुनें। हम कल्याणकारी एंव शुभ का ही दर्शन करें तथा अशुभ एंव पतनकारक दृश्यों को न देखें। हम पापमय व्यसनों से आकृष्ट न हों। हम सत्पथ पर ही आरूढ रहें। हम अपने भीतर और बाहर शान्त हों। हमारे समस्त अंग और देह स्वस्थ और दृढ रहें तथा हम अपने जीवन-काल का सदुपयोग श्रेष्ठ कर्मो में रत रहकर तथा परमात्मा की आराधना करते हुए करें। - परमात्मा तथा गुरु में समान निष्ठा होने पर ही गूढ रहस्य प्रकट होते हैं।
ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं
No comments:
Post a Comment